lunedì 24 settembre 2018

सेरोगेसी के सहारे भरी इन सितारों की गोद

बॉलीवुड अभिनेत्री लीज़ा रे दो जुड़वा बच्चियों कि मां बनी हैं. उनको 46 बरस की उम्र में मां बनने का सुख सेरोगेसी के ज़रिए मिला.
मां बनने के करीब तीन महीने बाद उन्होंने ये जानकारी इंस्टाग्राम पर शेयर की है.
जॉन अब्राहम के साथ फ़िल्म 'वॉटर' में काम कर चुकीं लीज़ा रे को साल 2009 में ब्लड कैंसर हो गया था. लीज़ा रे ने 2010 में ख़ुद को कैंसर-फ़्री घोषित किया. हालांकि वो पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाईं.
साल 2012 में लीज़ा ने बिजनेसमैन जेसन देहनी से शादी की और इस साल जून में वह सेरोगेसी के ज़रिए मां बनी हैं. हालांकि उन्होंने इस ख़बर को अब अपने फ़ैन्स के साथ इंस्टाग्राम पर शेयर किया है.
हालांकि लीज़ा रे बॉलीवुड की इकलौती ऐसी कलाकार नहीं हैं जिन्होंने सेरोगेसी या आई वी एफ़ के सहारे मां-बाप बनने का सुख पाया है. इस लिस्ट में कई दूसरे सितारों का भी नाम है.
बॉलीवुड में सेरोगेसी के ज़रिए मां-बाप बनने का सिलसिला सबसे पहले शाहरुख़ ख़ान और गौरी ख़ान ने शुरू किया था.
गौरी ख़ान और शाहरुख ख़ान के तीसरे बच्चे का जन्म सेरोगेसी के जरिए हुआ. शाहरुख़ और गौरी ने इस बच्चे का नाम अबराम रखा है.
आमिर ख़ान ने अपनी दूसरी पत्नी किरण राव के साथ मिलकर सरोगेसी सेलिब्रिटी एजेंसी से संपर्क किया और सेरोगेसी के ज़रिए एक बेटे का सुख पाया.
सोहेल और सीमा ख़ान को एक बेटा पहले से था लेकिन अपने पहले बच्चे के होने के 10 साल बाद उन्होंने एक और बच्चे की ख़्वाहिश की. तब सोहेल ख़ान और सीमा ख़ान ने सेरोगेट मदर का सहारा लिया.
बॉलीवुड अभिनेता तुषार कपूर ने शादी तो अभी तक नहीं की है लेकिन सेरोगेसी के ज़रिए वो एक बेटे के पिता बन गए हैं. वो इन विट्रो फ़र्टिलाइज़र (आईवीएफ) पद्धति का इस्तेमाल करते हुए पिता बने.
करण जौहर भी सेरोगेसी की मदद से पिता बन चुके हैं. बीते साल मार्च में ट्विटर पर ये ख़बर साझा करते हुए उन्होंने लिखा था, "मेडिकल साइंस की मदद से मेरे दिल के इन दो टुकड़ों के दुनिया में आने और पिता बनने पर मैं खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं.पिता बनने की सारी ज़िम्मेदारियों को समझने के बाद मैं ये इमोशनल फ़ैसला ले पाया था."
भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमें आज दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में एशिया कप 2018 के सुपर फ़ोर के मुक़ाबले में आमने-सामने हैं.
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया है. इससे पहले भारत ने ग्रुप स्टेज मुक़ाबले में पाकिस्तान को आठ विकेट से हरा दिया था. यह दोनों टीमों के बीच एक साल बाद खेला गया मुक़ाबला था. उससे पहले वे पिछले साल चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में भिड़ी थीं जिसमें भारत की हार हुई थी.
आज खेले जा रहे मैच के लिए भारत ने अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया है मगर पाकिस्तान ने तेज़ गेंदबाज़ों शादाब ख़ान और मोहम्मद आमिर को टीम में शामिल किया है.
इससे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच 130 अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेले गए हैं. इनमें से 73 में पाकिस्तान की तो 53 में भारत की जीत हुई है. चार मुक़ाबलों का फ़ैसला नहीं हुआ.
  • आईसीसी वनडे रैंकिंग में भारत दूसरे तो पाकिस्तान पांचवें स्थान पर है.
  • भारत पिछले कई सालों से आईसीसी वनडे रैंकिंग की शीर्ष टीमों में बना हुआ है जबकि पाकिस्तान इसके मध्य में. बावजूद इसके बात अगर भारत-पाकिस्तान के बीच पिछले 10 सालों के दौरान हुए 21 वनडे मुक़ाबलों की करें तो इनमें से 12 में भारत तो 9 में पाकिस्तान की जीत हुई है.
  • भारत अपने पिछले 51 वनडे मैचों में से 37 मुक़ाबले जीत चुका है. वहीं पाकिस्तान ने अपने पिछले 51 वनडे मुक़ाबलों में से 28 मैच जीते हैं.या आपको पता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पहला वनडे कब खेला गया था?
  • दोनों देशों के बीच पहला वनडे मुक़ाबला 1 अक्तूबर 1978 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में हुआ था.
  • भारत-पाकिस्तान के बीच पहले वनडे मुक़ाबले में बिशन सिंह बेदी भारत के कप्तान थे तो मुश्ताक़ मोहम्मद पाकिस्तान के कप्तान थे.
  • पहला टॉस जीतने वाले कप्तान बिशन सिंह बेदी थे और उन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया था.
  • सरफ़राज नवाज ने चेतन चौहान को बोल्ड आउट कर पहला विकेट हासिल किया था.
  • भारतीय पारी में मोहिंदर अमरनाथ ने सर्वाधिक 51 रन बनाए थे. यानी वो पहला अर्धशतक जड़ने वाले बल्लेबाज़ बने थे.
  • वो मुक़ाबला बेहद रोमांचक था, लेकिन 40 ओवर्स के उस मैच में भारतीय टीम सात विकेट पर महज 170 रन ही बना सकी थी.
  • जवाब में पाकिस्तान की टीम ने 8 विकेट के नुकसान पर 166 रन बनाए और उसने चार रनों से मैच गंवा दिया. इस तरह दोनों देशों के बीच पहला मुक़ाबला भारत की झोली में गया.
  • यह दोनों देशों के बीच सबसे कम रनों के अंतर से जीत का भी पहला रिकॉर्ड था. हालांकि 1991-92 में विल्स ट्रॉफ़ी में पाकिस्तान ने भी इतने ही रनों के अंतर से मैच जीता था. दोनों देशों के बीच सबसे कम रनों के अंतर से जीत के ये ही दो रिकॉर्ड हैं.
  • भारत की ओर से पहला विकेट करसन घावरी ने लिया थ, जिन्होंने मुदस्सर नज़र को एलबीडब्ल्यू आउट किया था.
  • अर्धशतक जड़ने के साथ ही दो विकेट चटकाने वाले मोहिंदर अमरनाथ को 'मैन ऑफ़ द मैच' दिया गया. यानी दोनों देशों के बीच वनडे मैचों में 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' बनने वाले वो पहले क्रिकेटर बने.
  • हालांकि अगले दोनों मुक़ाबलों को जीत कर पाकिस्तान ने अंत में सिरीज़ 2-1 से अपने नाम कर लिया.
  • पहले ही मुक़ाबले में भारत के विकेटकीपर सैयद किरमानी ने शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था.पहला शतकः 18 फ़रवरी 1987 को ईडेन गार्डन्स में कृष्णामाचारी श्रीकांत ने महज 103 गेंदों पर 123 रन बनाए थे. यह भारत की ओर से पाकिस्तान के ख़िलाफ़ वनडे में पहला शतक था. श्रीकांत की उस शतकीय पारी और क़रीब छह के औसत से 238 रन बनाने के बावजूद भारत वो मुक़ाबला हार गया. इतना ही नहीं उस दौरे पर खेली गई छह वनडे मैचों की सिरीज़ को भी पाकिस्तान ने 5-1 से अपने नाम कर लिया था.
    सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्डः 2005 में पाकिस्तान के भारत दौरे के दौरान खेले गए दूसरे वनडे मैच में महेंद्र सिंह धोनी की धुंआधार 148 रनों (123 गेंद) की पारी की बदौलत भारत ने नौ विकेट पर 356 रन बनाए. ये आज भी एक रिकॉर्ड है.
    सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर: भारत की ओर से यह रिकॉर्ड विराट कोहली के नाम है. 2012 के एशिया कप मुक़ाबले में 183 रनों की मैच जिताऊ पारी खेलकर मैन ऑफ़ द मैच बने थे.
    सबसे अधिक रनों का रिकॉर्डः दोनों देशों के बीच 67 मैचों में 40.09 की औसत से 2,526 रन का यह रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है.
    सबसे अधिक शतकः केवल 12 भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक पाकिस्तान के ख़िलाफ़ वनडे शतक जड़े हैं. सबसे अधिक पांच बार तिहाई अंक में पहुंचने वाले बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर रहे हैं. पाकिस्तान की तरफ से सलमान बट ने भी भारत के ख़िलाफ़ महज 21 पारियों में रिकॉर्ड पांच शतक जड़े हैं.
    सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी का रिकॉर्डः 10-3-16-5 के प्रदर्शन के साथ पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के नाम यह रिकॉर्ड है.
    सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ी औसतः 30 पारियों में आठ बार नाबाद रहते हुए 1,230 रन बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने 55.90 की औसत सेबल्लेबाज़ी की है जो पाकिस्तान के ख़िलाफ़ किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ी औसत है.
    स्ट्राइक रेटः बात अगर दोनों देशों के बीच सबसे तेज़ी से बल्लेबाज़ी करने वाले बैट्समैन की करें तो ये हैं शाहिद आफ़रीदी. उन्होंने 67 वनडे मैचों में 109.09 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की है.
    सबसे अधिक विकेटः वसीम अकरम ने भारत के ख़िलाफ़ 60 विकेट चटकाए हैं. दोनों देशों के बीच वनडे मुक़ाबलों में अकरम सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं.
    सबसे बड़े अंतर से जीतः दोनों देश इससे पहले चैंपियंस ट्रॉफ़ी में आपस में भिड़े थे. तब पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों के अंतर से हराया था.

domenica 16 settembre 2018

व्यापार में तरक्की के लिए शुभ मुहूर्त में करें विश्वकर्मा पूजन, यहां जानें पूजा विधि

ई दिल्लीः आज के समय में हर छोटे से लेकर बड़े-बड़े भवन, बिल्डिंग तक का निर्माण इंजीनियर करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सतयुग में स्वर्गलोक, त्रेतायुग में लंका, द्वापर में द्वारका और कलयुग में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किसने किया ? या फिर देवताओं के भवन, महल और उनके अस्त्र-शस्त्र किसने बनाए. मान्यता है कि समस्त देवी-देवताओं और भगवानों के महलों और अस्त्र-शस्त्र का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था और यही कारण है कि भगवान विश्वकर्मा को शिल्पी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा पूरे ब्रह्माण के पहले इंजीनियर थे. धार्मिक मान्यताओं के अुनसार 17 सितंबर उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.

कार्यालय, फैक्ट्री में पूजा
भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आज लोग अपने-अपने कार्यालय, फैक्ट्रियां और मशीनों की पूजा करते हैं. इसके साथ ही अस्त्र-शस्त्र और रोजगार या आपके पेशेवर जीवन में काम आने वाली मशीनों की भी पूजा कर सकते हैं. बता दें ऋग्वेद में भी भगवान विश्वकर्मा का उल्लेख मिलता है. ऋग्वेद में भगवान विश्वकर्मा का उल्लेख 11 ऋचाएं लिखकर किया गया है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान विश्वकर्मा के पूजन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आध्यात्मिक महत्व के बारे में.

शुभ मुहूर्तः
पंचांग के अनुसार आज दोपहर 12 बजकर 54 मिनट पर भगवान विश्कर्मा की पूजा करना अत्यंत शुभ रहेगा. इससे आपके कारोबार को लाभ होगा और काम में लगातार नई-नई उपलब्धियां मिलेंगी. इसके अलावा आप दिन में कभी भी पूजा कर सकते हैं. गवान विश्वकर्मा के पूजन के लिए सबसे पहले नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएं और स्नान करें. इसके बाद साफ कपड़े पहनें और कारखना, ऑफिस जाकर मशीनों को एक कपड़े से अच्छी तरह साफ करें. पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे- फल, अक्षत, फूल, चंदन, रोली, अगरबत्ती, दूध, दही, घी सुपारी, रक्षासूत्र, मिठाई, शहद और गंगाजल ले लें. इसके बाद पत्नी के साथ मिलकर भगवान विश्कर्मा को आसान पर बैठाएं और स्नान कराएं. भगवान विश्कर्मा का चंदन से तिलक करें और फूल, अक्षत और फल अर्पित करें. इसके बाद भगवान के सामने धूप जलाएं और प्रसाद चढ़ाएं. भगवान की पूजा करने के बाद मशीनों की पूजा करें. इसके बाद भगवान की आरती करें और सभी कर्मचारियों और साथियों को प्रसाद दें और उसके बाद ही पूजा स्थान छोड़ें.

आध्यात्मिक महत्वः
कहते हैं भगवान विश्कर्मा ही ऐसे देवता हैं जिन्होंने हर काल में सृजन के देवता रहे हैं. सम्पूर्ण सृष्टी में जो भी चीजें सृजनात्मक हैं, जिनसे जीवन संचालित होता है वह सब भगवान विश्कर्मा की देन है. ऐसे में भगवान विश्कर्मा की पूजा कर उन्हें उनके सृजन के लिए धन्यवाद दिया जाता है. कहते हैं सृष्टि में जिन कर्मों से जीवन संचालित होता है उन सभी के मूल में भगवान विश्कर्मा हैं. भगवान विश्कर्मा की पूजा से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है और आने वाली सभी समस्याएं और रुकावटें दूर होती हैं.

कोलकाता/नई दिल्‍ली : कोलकाता के भीड़भाड़ वाले बागड़ी बाजार की दुकानों में रविवार को तड़के 2:45 बजे लगी आग 30 घंटे बाद भी नहीं बुझाई जा सकी है. इस आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 35 गाड़ियां और 250 कर्मी लगातार जुटे हुए हैं. कैनिंग स्‍ट्रीट पर स्थित बागड़ी बाजार कोलकाता का मुख्‍य व्‍यापारिक केंद्र माना जाता है. यहां करीब 1, दुकानें हैं.

कोलकाता के डिप्‍टी फायर डायरेक्‍टर का कहना है कि दमकलकर्मी ग्राउंड फ्लोर से टॉप फ्लोर तक तो पहुंच गए लेकिन वहां मौजूद दु‍कानों में मौजूद केमिकल के कारण आग भड़क रही है और उन्‍हें उस पर काबू पाने में परेशानी हो रही है.ता दें कि करीब 1,000 दुकानों वाली इस बहुमंजिला इमारत में भयंकर आग गई, जिससे दुर्गा पूजा समारोह से पहले व्यापारियों को भारी नुकसान पहुंचा है. पश्चिम बंगाल अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के महानिदेशक जगमोहन ने बताया कि कैनिंग स्ट्रीट पर तड़के लगभग ढाई बजे इमारत के भूतल में आग लगी और यह अन्य मंजिलों तक तेजी से फैल गई. आग अभी भी लगी हुई है. उन्होंने कहा, 'हम आग को पास की इमारतों में फैलने से रोकने में सफल हो गए हैं, लेकिन यह अब भी जारी है. भीतर बड़ी मात्रा में रखी ज्वलनशील सामग्री हमारे प्रयासों में बाधा डाल रही है.'

कोलकाता पुलिस को रविवार तड़के दो बजकर 35 मिनट पर आपातकलीन नंबर 100 पर कॉल मिली, जिसके बाद अग्निशमनकर्मी हरकत में आ गए. यह बाजार भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालय और राइटर्स बिल्डिंग से लगभग एक किलोमीटर दूर है. आग पर काबू पाने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए भीतरी क्षेत्र में हाइड्रॉलिक सीढ़ियां लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.

60 साल पुरानी इमारत में लगी आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 35 गाड़ियां लगाई गई हैं. पुलिस ने कहा कि किसी के मरने की खबर नहीं है, लेकिन दो दमकलकर्मियों सहित छह लोग जहरीले धुएं की वजह से बीमार हो गए. बीमार लोगों का कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज कराया गया और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई.