ई दिल्लीः आज के समय में हर छोटे से लेकर बड़े-बड़े भवन, बिल्डिंग तक का निर्माण इंजीनियर करते हैं,
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सतयुग में स्वर्गलोक, त्रेतायुग में लंका,
द्वापर में द्वारका और कलयुग में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किसने किया ?
या फिर देवताओं के भवन, महल और उनके अस्त्र-शस्त्र किसने बनाए. मान्यता है
कि समस्त देवी-देवताओं और भगवानों के महलों और अस्त्र-शस्त्र का निर्माण
भगवान विश्वकर्मा ने किया था और यही कारण है कि भगवान विश्वकर्मा को शिल्पी
भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा पूरे ब्रह्माण के पहले इंजीनियर थे. धार्मिक मान्यताओं के अुनसार 17 सितंबर उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
कार्यालय, फैक्ट्री में पूजा
भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आज लोग अपने-अपने कार्यालय, फैक्ट्रियां और मशीनों की पूजा करते हैं. इसके साथ ही अस्त्र-शस्त्र और रोजगार या आपके पेशेवर जीवन में काम आने वाली मशीनों की भी पूजा कर सकते हैं. बता दें ऋग्वेद में भी भगवान विश्वकर्मा का उल्लेख मिलता है. ऋग्वेद में भगवान विश्वकर्मा का उल्लेख 11 ऋचाएं लिखकर किया गया है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान विश्वकर्मा के पूजन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आध्यात्मिक महत्व के बारे में.
शुभ मुहूर्तः
पंचांग के अनुसार आज दोपहर 12 बजकर 54 मिनट पर भगवान विश्कर्मा की पूजा करना अत्यंत शुभ रहेगा. इससे आपके कारोबार को लाभ होगा और काम में लगातार नई-नई उपलब्धियां मिलेंगी. इसके अलावा आप दिन में कभी भी पूजा कर सकते हैं. गवान विश्वकर्मा के पूजन के लिए सबसे पहले नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएं और स्नान करें. इसके बाद साफ कपड़े पहनें और कारखना, ऑफिस जाकर मशीनों को एक कपड़े से अच्छी तरह साफ करें. पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे- फल, अक्षत, फूल, चंदन, रोली, अगरबत्ती, दूध, दही, घी सुपारी, रक्षासूत्र, मिठाई, शहद और गंगाजल ले लें. इसके बाद पत्नी के साथ मिलकर भगवान विश्कर्मा को आसान पर बैठाएं और स्नान कराएं. भगवान विश्कर्मा का चंदन से तिलक करें और फूल, अक्षत और फल अर्पित करें. इसके बाद भगवान के सामने धूप जलाएं और प्रसाद चढ़ाएं. भगवान की पूजा करने के बाद मशीनों की पूजा करें. इसके बाद भगवान की आरती करें और सभी कर्मचारियों और साथियों को प्रसाद दें और उसके बाद ही पूजा स्थान छोड़ें.
आध्यात्मिक महत्वः
कहते हैं भगवान विश्कर्मा ही ऐसे देवता हैं जिन्होंने हर काल में सृजन के देवता रहे हैं. सम्पूर्ण सृष्टी में जो भी चीजें सृजनात्मक हैं, जिनसे जीवन संचालित होता है वह सब भगवान विश्कर्मा की देन है. ऐसे में भगवान विश्कर्मा की पूजा कर उन्हें उनके सृजन के लिए धन्यवाद दिया जाता है. कहते हैं सृष्टि में जिन कर्मों से जीवन संचालित होता है उन सभी के मूल में भगवान विश्कर्मा हैं. भगवान विश्कर्मा की पूजा से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है और आने वाली सभी समस्याएं और रुकावटें दूर होती हैं.
कोलकाता/नई दिल्ली : कोलकाता के भीड़भाड़ वाले बागड़ी बाजार की दुकानों में रविवार को तड़के 2:45 बजे लगी आग 30 घंटे बाद भी नहीं बुझाई जा सकी है. इस आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 35 गाड़ियां और 250 कर्मी लगातार जुटे हुए हैं. कैनिंग स्ट्रीट पर स्थित बागड़ी बाजार कोलकाता का मुख्य व्यापारिक केंद्र माना जाता है. यहां करीब 1, दुकानें हैं.
कोलकाता के डिप्टी फायर डायरेक्टर का कहना है कि दमकलकर्मी ग्राउंड फ्लोर से टॉप फ्लोर तक तो पहुंच गए लेकिन वहां मौजूद दुकानों में मौजूद केमिकल के कारण आग भड़क रही है और उन्हें उस पर काबू पाने में परेशानी हो रही है.ता दें कि करीब 1,000 दुकानों वाली इस बहुमंजिला इमारत में भयंकर आग गई, जिससे दुर्गा पूजा समारोह से पहले व्यापारियों को भारी नुकसान पहुंचा है. पश्चिम बंगाल अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के महानिदेशक जगमोहन ने बताया कि कैनिंग स्ट्रीट पर तड़के लगभग ढाई बजे इमारत के भूतल में आग लगी और यह अन्य मंजिलों तक तेजी से फैल गई. आग अभी भी लगी हुई है. उन्होंने कहा, 'हम आग को पास की इमारतों में फैलने से रोकने में सफल हो गए हैं, लेकिन यह अब भी जारी है. भीतर बड़ी मात्रा में रखी ज्वलनशील सामग्री हमारे प्रयासों में बाधा डाल रही है.'
कोलकाता पुलिस को रविवार तड़के दो बजकर 35 मिनट पर आपातकलीन नंबर 100 पर कॉल मिली, जिसके बाद अग्निशमनकर्मी हरकत में आ गए. यह बाजार भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालय और राइटर्स बिल्डिंग से लगभग एक किलोमीटर दूर है. आग पर काबू पाने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए भीतरी क्षेत्र में हाइड्रॉलिक सीढ़ियां लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
60 साल पुरानी इमारत में लगी आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 35 गाड़ियां लगाई गई हैं. पुलिस ने कहा कि किसी के मरने की खबर नहीं है, लेकिन दो दमकलकर्मियों सहित छह लोग जहरीले धुएं की वजह से बीमार हो गए. बीमार लोगों का कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज कराया गया और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई.
कार्यालय, फैक्ट्री में पूजा
भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आज लोग अपने-अपने कार्यालय, फैक्ट्रियां और मशीनों की पूजा करते हैं. इसके साथ ही अस्त्र-शस्त्र और रोजगार या आपके पेशेवर जीवन में काम आने वाली मशीनों की भी पूजा कर सकते हैं. बता दें ऋग्वेद में भी भगवान विश्वकर्मा का उल्लेख मिलता है. ऋग्वेद में भगवान विश्वकर्मा का उल्लेख 11 ऋचाएं लिखकर किया गया है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान विश्वकर्मा के पूजन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आध्यात्मिक महत्व के बारे में.
शुभ मुहूर्तः
पंचांग के अनुसार आज दोपहर 12 बजकर 54 मिनट पर भगवान विश्कर्मा की पूजा करना अत्यंत शुभ रहेगा. इससे आपके कारोबार को लाभ होगा और काम में लगातार नई-नई उपलब्धियां मिलेंगी. इसके अलावा आप दिन में कभी भी पूजा कर सकते हैं. गवान विश्वकर्मा के पूजन के लिए सबसे पहले नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएं और स्नान करें. इसके बाद साफ कपड़े पहनें और कारखना, ऑफिस जाकर मशीनों को एक कपड़े से अच्छी तरह साफ करें. पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे- फल, अक्षत, फूल, चंदन, रोली, अगरबत्ती, दूध, दही, घी सुपारी, रक्षासूत्र, मिठाई, शहद और गंगाजल ले लें. इसके बाद पत्नी के साथ मिलकर भगवान विश्कर्मा को आसान पर बैठाएं और स्नान कराएं. भगवान विश्कर्मा का चंदन से तिलक करें और फूल, अक्षत और फल अर्पित करें. इसके बाद भगवान के सामने धूप जलाएं और प्रसाद चढ़ाएं. भगवान की पूजा करने के बाद मशीनों की पूजा करें. इसके बाद भगवान की आरती करें और सभी कर्मचारियों और साथियों को प्रसाद दें और उसके बाद ही पूजा स्थान छोड़ें.
आध्यात्मिक महत्वः
कहते हैं भगवान विश्कर्मा ही ऐसे देवता हैं जिन्होंने हर काल में सृजन के देवता रहे हैं. सम्पूर्ण सृष्टी में जो भी चीजें सृजनात्मक हैं, जिनसे जीवन संचालित होता है वह सब भगवान विश्कर्मा की देन है. ऐसे में भगवान विश्कर्मा की पूजा कर उन्हें उनके सृजन के लिए धन्यवाद दिया जाता है. कहते हैं सृष्टि में जिन कर्मों से जीवन संचालित होता है उन सभी के मूल में भगवान विश्कर्मा हैं. भगवान विश्कर्मा की पूजा से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है और आने वाली सभी समस्याएं और रुकावटें दूर होती हैं.
कोलकाता/नई दिल्ली : कोलकाता के भीड़भाड़ वाले बागड़ी बाजार की दुकानों में रविवार को तड़के 2:45 बजे लगी आग 30 घंटे बाद भी नहीं बुझाई जा सकी है. इस आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 35 गाड़ियां और 250 कर्मी लगातार जुटे हुए हैं. कैनिंग स्ट्रीट पर स्थित बागड़ी बाजार कोलकाता का मुख्य व्यापारिक केंद्र माना जाता है. यहां करीब 1, दुकानें हैं.
कोलकाता के डिप्टी फायर डायरेक्टर का कहना है कि दमकलकर्मी ग्राउंड फ्लोर से टॉप फ्लोर तक तो पहुंच गए लेकिन वहां मौजूद दुकानों में मौजूद केमिकल के कारण आग भड़क रही है और उन्हें उस पर काबू पाने में परेशानी हो रही है.ता दें कि करीब 1,000 दुकानों वाली इस बहुमंजिला इमारत में भयंकर आग गई, जिससे दुर्गा पूजा समारोह से पहले व्यापारियों को भारी नुकसान पहुंचा है. पश्चिम बंगाल अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के महानिदेशक जगमोहन ने बताया कि कैनिंग स्ट्रीट पर तड़के लगभग ढाई बजे इमारत के भूतल में आग लगी और यह अन्य मंजिलों तक तेजी से फैल गई. आग अभी भी लगी हुई है. उन्होंने कहा, 'हम आग को पास की इमारतों में फैलने से रोकने में सफल हो गए हैं, लेकिन यह अब भी जारी है. भीतर बड़ी मात्रा में रखी ज्वलनशील सामग्री हमारे प्रयासों में बाधा डाल रही है.'
कोलकाता पुलिस को रविवार तड़के दो बजकर 35 मिनट पर आपातकलीन नंबर 100 पर कॉल मिली, जिसके बाद अग्निशमनकर्मी हरकत में आ गए. यह बाजार भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालय और राइटर्स बिल्डिंग से लगभग एक किलोमीटर दूर है. आग पर काबू पाने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए भीतरी क्षेत्र में हाइड्रॉलिक सीढ़ियां लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
60 साल पुरानी इमारत में लगी आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 35 गाड़ियां लगाई गई हैं. पुलिस ने कहा कि किसी के मरने की खबर नहीं है, लेकिन दो दमकलकर्मियों सहित छह लोग जहरीले धुएं की वजह से बीमार हो गए. बीमार लोगों का कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज कराया गया और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई.
Nessun commento:
Posta un commento